क्यों बढ़ रहे हैं हार्ट अटैक के मामले, इन आदतों को बदलें भारतीय

भारत में 12 साल के बच्चों से लेकर 45 साल तक की उम्र के लोगों ने हार्ट अटैक से अपनी जान गंवाई.

डॉक्टरों का कहना है कि कोविड-19 महामारी ने लोगों की जीवनशैली को बुरी तरह प्रभावित किया है.

लोगों के बीच फिजिकल एक्टिविटी की कमी, तनाव और अवसाद में बढ़ोत्तरी और खराब खानपान की आदतें भी बढ़ी हैं.

हम दो साल से अधिक समय तक अपने घरों में बेड और कुर्सियों से चिपके रहे.

इसकी वजह से साइलेंट हार्ट डिसीस ने लोगों के शरीर में घर कर लिया है.

खराब खान-पान, जीवनशैली की कमी

डॉ. गेरा ने कहा, "हमारे खराब खान-पान, जीवनशैली, शारीरिक गतिविधि या व्यायाम की कमी इस प्रभाव को बढ़ा रही है."

एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि

भारतीय खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता खराब होती जा रही है. इसमें गुड कोलेस्ट्रॉल का स्तर बहुत कम और बैड कोलेस्ट्रॉल का स्तर अधिक होता है

अधिक काम करने या जोरदार व्यायाम करने से हृदय पर दबाव पड़ सकता है

जिससे संभावित रूप से अनियमित रूप से दिल की धड़कन बढ़ना या सूजन जैसी परेशानी हो सकती हैं और यह दोनों कंडीशन ही खतरनाक हैं.